क्या ६१ - नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने जानबूझ कर ३१ में से १७ उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को निरस्त /ख़ारिज (cancel) किया ?
क्या १७ उम्मीदवारों का यह आरोप सही है कि ६१ - नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने जानबूझ कर ३१ में से १७ उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को निरस्त /ख़ारिज (cancel) किया ?
यधपि ६१ - नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने ६१ - नोएडा विधानसभा हेतु आये सभी नामांकन पत्रों को पूरी ईमानदारी से २४ जनवरी २०१७ को जाँचा तथापि प्रथम साक्ष्या यही लगता है कि नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने जानबूझ कर ३१ में से १७ उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को निरस्त /ख़ारिज (cancel) किया...!
भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमानुसार नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी चाहिए थी :-
(१ ) २४ जनवरी २०१७ को शाम तीन बजे तक (final date and time for submission of forms) प्राप्त हुए सभी नामांकन पत्रों को बिना किसी चूँ -चपड़ के स्वीकार करते।
(२) सभी नामांकन पत्रों को स्वीकार करने के पशचात उनमें पाई गई त्रुटियों से उम्मीदवारों को अवगत करा के उन्हें चैक-लिस्ट देते और उन त्रुटियों को दूर कर उन्हें नामांकन पत्रों को पुनः अगले दिन २५ जनवरी २०१७ को दिन के ग्यारह बजे तक दुबारा देने (submit करने ) का आदेश देते।
(३) अगले दिन २५ जनवरी २०१७ को दिन के ग्यारह बजे तक, दुबारा आए (submit किये गये ) दुरुस्त (corrected) नामांकन पत्रों को स्वीकार करते और उसके बाद ही २५ जनवरी २०१७ को दिन के ग्यारह बजे सभी नामांकन पत्रों की अंतिम जाँच -पड़ताल (scrutiny) आरंभ करते।
(४) २५ जनवरी २०१७ को दिन के ग्यारह बजे सभी नामांकन पत्रों की अंतिम जाँच -पड़ताल (scrutiny) में सही पाए गए सभी नामांकन पत्रों को चुनाव की उम्मीदवारों की सूची में डाल देते और दुरुस्त न किये गए आये सभी त्रुटिपूर्ण नामांकन पत्रों को विधिवत रदद् (cancel) कर देते।
परंतु ,भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों की अनदेखी और अवहेलना करते हुए नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने उपर्युक्त प्रक्रिया नहीं अपनाई।
उदाहरणतः ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के उम्मीदवार यशपाल मौर्य से सिक्योरिटी डिपाजिट की धनराशि रुपया दस हज़ार नगद को नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर ने स्वीकार करने से मना कर दिया और यशपाल मौर्य को दी गई चैक - लिस्ट में लिख दिया कि यशपाल मौर्य ने सिक्योरिटी डिपाजिट की धनराशि नहीं भरी। जबकि भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार २४ जनवरी २०१७ को शाम तीन बजे तक (final date and time for submission of forms) नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय सिक्योरिटी डिपाजिट की धनराशि रुपया दस हज़ार को नगदी के रूप में स्वीकार करने को बाध्य थे ! यशपाल मौर्य भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार २४ जनवरी २०१७ को शाम तीन बजे से पहले (final date and time for submission of forms) २ बज कर ५८ मिनट पर नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय के सामने हाज़िर हो चुके थे।
सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय ने यशपाल मौर्य को केवल २ मिनट में ही (२४ जनवरी २०१७ को शाम तीन बजे तक) दुरुस्त (corrected) किया गया प्रारूप - २६ पुनः प्रस्तुत (submit) करने को कहा। मात्र २ मिनट में ही नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय के दफ़्तर से बाहर जा कर प्रारूप - २६ को नोटराइज़्ड करवा कर उसे पुनः नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय को देना असंभव काम था!
ज्यादातर उम्मीदवार नोएडा के रिटर्निंग ऑफिसर महाशय के मनमाने आदेश के विरुद्ध महँगी जटिल समय खपाने वाली न्याय प्रक्रिया वाले उच्च न्यायालय में गुहार लगाने की आर्थिक क्षमता नहीं रखते।
अतः भारतीय निर्वाचन आयोग को ही स्व संज्ञान (suo motu) की कार्रवाई करते हुए तुरंत ६१ - नोएडा , ६२ - दादरी , ६३ - जेवर के विधान सभा चुनाव को रदद् कर पुनः नया नोटिफ़िकेशन जारी कर इन चुनावों को अंतिम ८वें चरण में करवाना चाहिए और चुनाव से बाहर किये गए सभी १७ उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने का पुनः मौका देना चाहिए ताकि आम जनता का लोकतंत्र में शाश्वत विशवास बना रहे और सामान्य नागरिकों में यह ग़लत संदेश न जाये कि विधायक के चुनावों में केवल बड़े राजनैतिक दलों के महाबली ही हिस्सा ले सकते हैं , आम जनता नहीं...!
~ स्वामी मुर्खानंद जी
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