गौतमबुद्ध नगर के पीठासीन निर्वाचन अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव के विधानसभा के सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचने का ग़लत अतर्कसंगत मिथ्या आरोप न लगाएँ!
गौतमबुद्ध नगर के पीठासीन निर्वाचन अधिकारियों ने २४ जनवरी २०१७ के दिन बिना किसी जातिगत भेदभाव के विधानसभा के सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचा और उन्हीं नामांकन पत्रों को ख़ारिज किया जिनमें कोई त्रुटियाँ पाई गई।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ६१ - नोएडा से उमीदवार यशपाल मौर्य (कुशवाहा जाति)का नामांकन पत्र भी ठोस कारणों से ही पीठासीन निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त (cancel) किया था। हमने पाया कि पीठासीन निर्वाचन अधिकारी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचने की अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रहे थे।
अतः हम समझते हैं कि वे उमीदवार जिनका नामांकन पत्र रदद् हुआ है वे गौतमबुद्ध नगर के पीठासीन निर्वाचन अधिकारियों पर किसी जातिगत भेदभाव के विधानसभा के सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचने और ब्राह्मण जाति का होने से ही ब्राह्मण उमीदवार का नामांकन पत्र ख़ारिज करने का ग़लत अतर्कसंगत मिथ्या आरोप न लगाएँ।
हमने ६१ - नोएडा विधान सभा के पीठासीन निर्वाचन अधिकारी और उसके अधीनस्थ अधिकारियों में केवल एक ही बहुत बड़ी कमी पाई कि इन अधिकारियों को आम जनता से शालीनता और शांति से पेश आना नहीं आता है और ये सत्ता के नशे में चूर स्वयं को खुदा समझते हैं। इसी कारण हमने भारतीय निर्वाचन आयोग से इन उद्दंड निर्वाचन अधिकारियों को तुरंत सरकारी नौकरी से निकालने (dismiss) करने की ज़ोरदार माँग की है।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ६१ - नोएडा से उमीदवार यशपाल मौर्य दसवीं कक्षा उत्तीर्ण हैं और एक अच्छे सर्वगुण संपन निःस्वार्थी विधायक में जो गुण होने चाहिएँ वे सभी गुण इनमें हैं। इनके पास मात्र रूपये ११,२०० ही धनराशि है। यशपाल मौर्य गौतमबुद्ध नगर से विधानसभा के सभी प्रत्याशियों में सबसे ग़रीब निर्धन उमीदवार थे। ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ने ६१ - नोएडा से उमीदवार 33 वर्ष के युवा यशपाल मौर्य को अपना प्रत्याशी उनकी जाति के आधार पर नहीं अपितु उनकी योग्यता के आधार पर बनाया था।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ज़्यादा पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट कार्यकर्ताओं में से कोई भी ६१ - नोएडा से उमीदवार बनने को तैयार नहीं था। अतः दसवीं कक्षा पास करने वाले यशपाल को ही जनहित में ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का ६१ - नोएडा से उमीदवार बनना पड़ा।
सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि नोएडा की बड़ी बड़ी गेटिड सोसाईटीयों में रहने वाले पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट जो विधायकों सांसदों नेताओं नेत्रियों को भ्र्ष्टाचार अक्षमता हेतु गालियाँ देते नहीं थकते , उनमें से कोई भी पढ़ा लिखा ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट हमारी ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का उमीदवार बनने को तैयार नहीं हुआ। ये सभी पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट नामांकन हेतु सिक्योरिटी डिपाजिट का दस हज़ार रुपया भरने को भी तैयार नहीं थे और ऊपर से तुर्रा यह कि ये सब साहब लोग हमसे चुनाव में लाखों वोटों से जीत दिलाने की गारँटी भी माँग रहे थे 😄😃!
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ६१ - नोएडा से उमीदवार यशपाल मौर्य (कुशवाहा जाति)का नामांकन पत्र भी ठोस कारणों से ही पीठासीन निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त (cancel) किया था। हमने पाया कि पीठासीन निर्वाचन अधिकारी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचने की अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रहे थे।
अतः हम समझते हैं कि वे उमीदवार जिनका नामांकन पत्र रदद् हुआ है वे गौतमबुद्ध नगर के पीठासीन निर्वाचन अधिकारियों पर किसी जातिगत भेदभाव के विधानसभा के सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जाँचने और ब्राह्मण जाति का होने से ही ब्राह्मण उमीदवार का नामांकन पत्र ख़ारिज करने का ग़लत अतर्कसंगत मिथ्या आरोप न लगाएँ।
हमने ६१ - नोएडा विधान सभा के पीठासीन निर्वाचन अधिकारी और उसके अधीनस्थ अधिकारियों में केवल एक ही बहुत बड़ी कमी पाई कि इन अधिकारियों को आम जनता से शालीनता और शांति से पेश आना नहीं आता है और ये सत्ता के नशे में चूर स्वयं को खुदा समझते हैं। इसी कारण हमने भारतीय निर्वाचन आयोग से इन उद्दंड निर्वाचन अधिकारियों को तुरंत सरकारी नौकरी से निकालने (dismiss) करने की ज़ोरदार माँग की है।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ६१ - नोएडा से उमीदवार यशपाल मौर्य दसवीं कक्षा उत्तीर्ण हैं और एक अच्छे सर्वगुण संपन निःस्वार्थी विधायक में जो गुण होने चाहिएँ वे सभी गुण इनमें हैं। इनके पास मात्र रूपये ११,२०० ही धनराशि है। यशपाल मौर्य गौतमबुद्ध नगर से विधानसभा के सभी प्रत्याशियों में सबसे ग़रीब निर्धन उमीदवार थे। ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ने ६१ - नोएडा से उमीदवार 33 वर्ष के युवा यशपाल मौर्य को अपना प्रत्याशी उनकी जाति के आधार पर नहीं अपितु उनकी योग्यता के आधार पर बनाया था।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ज़्यादा पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट कार्यकर्ताओं में से कोई भी ६१ - नोएडा से उमीदवार बनने को तैयार नहीं था। अतः दसवीं कक्षा पास करने वाले यशपाल को ही जनहित में ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का ६१ - नोएडा से उमीदवार बनना पड़ा।
सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि नोएडा की बड़ी बड़ी गेटिड सोसाईटीयों में रहने वाले पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट जो विधायकों सांसदों नेताओं नेत्रियों को भ्र्ष्टाचार अक्षमता हेतु गालियाँ देते नहीं थकते , उनमें से कोई भी पढ़ा लिखा ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट हमारी ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का उमीदवार बनने को तैयार नहीं हुआ। ये सभी पढ़े लिखे , ग्रेजुएट , पोस्ट ग्रेजुएट नामांकन हेतु सिक्योरिटी डिपाजिट का दस हज़ार रुपया भरने को भी तैयार नहीं थे और ऊपर से तुर्रा यह कि ये सब साहब लोग हमसे चुनाव में लाखों वोटों से जीत दिलाने की गारँटी भी माँग रहे थे 😄😃!
Comments