ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के 61 - नोएडा विधान सभा के उमीदवार यशपाल मौर्य का नामांकन पत्र रदद् हुआ!

ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के 61 - नोएडा विधान सभा के उमीदवार यशपाल मौर्य का नामांकन पत्र रदद् हुआ।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के पास  61 - नोएडा विधान सभा के लिए उमीदवारी हेतु बारह नाम आए थे।  ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ने नामांकन पत्र हेतु कई बड़े (HIGH-PROFILE) नामों पर भी विचार किया था। परंतु , अंत में अंतिम 24 घण्टों में परिस्थितियाँ ऐसी बनी कि ३३ वर्षीय दसवीं कक्षा पास युवा यशपाल मौर्य को ही ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का 61 - नोएडा विधान सभा से उमीदवार बनना पड़ा। डैशिंग शाहरुख़ का नाम इसलिए उमीदवारी से हटाना पड़ा क्योंकि वह अभी मात्र २४ वर्ष की आयु के हैं। जबकि चुनाव लड़ने हेतु उमीदवार की आयु कम से कम २५ वर्ष होनी चाहिए। स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने यह कह कर चुनाव लड़ने से मना कर दिया कि अब उनकी आयु ५० वर्ष से अधिक होने के कारण वह अब भारतीय परंपरा के अनुसार वानप्रस्थ आश्रम में पधार चुके हैं और उनकी भूमिका अब से आगे एक मार्गदर्शक की ही रहेगी। भारतीय परंपरा के अनुसार २५ वर्ष की आयु तक ब्रह्मचर्य आश्रम , ५० वर्ष की आयु तक गृहस्थ आश्रम , ७५ वर्ष की आयु तक वानप्रस्थ आश्रम और ७५ वर्ष की आयु से आगे सन्यास आश्रम होता है। कई बड़े (HIGH-PROFILE) उमीदवारों को ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ब्राण्ड के योग्य नहीं पाया गया।
स्वाभाविक ही है कि अंतिम 9 घण्टों में ३३ वर्षीय युवा यशपाल मौर्य दूर दूर स्थानों पर स्थित बिजली , पानी , टेलीफ़ोन विभागों और नोएडा प्राधिकरण से अनापत्ति पत्र (NO DUES CERTIFICATES) जुटाने में असमर्थ रहे।  साथ ही जल्दबाज़ी में प्रारूप - २६ पर चूकवश (BY OVERSIGHT) नोटरी के द्वारा सही ढंग से एंट्री करवाना भूल गए। गलती नोटरी की भी रही कि उसने  प्रारूप - २६ को सही ढंग से नोटराइज़ेड नहीं किया। क्रोधित रिटर्निंग ऑफिसर ने २ घण्टों के अंदर दस में से बाकी ९ प्रस्तावकों को भी हाज़िर करने को कहा। परंतु हनुमान पूजा - भंडारे में व्यस्त , २६ जनवरी के कार्यक्रम हेतु छोटे बच्चों को तैयार करने में व्यस्त , कामकाज में व्यस्त और दूर दूर स्थित प्रस्तावकों को मात्र २ घण्टों में हाज़िर करना नामुमकिन था। अतः उनका नामांकन पत्र रदद् कर दिया गया।

अब यह अलग विवाद का विषय है कि २३ जनवरी २०१७ के दिन दोपहर २ बज कर ३१ मिनट पर सम्पन्न हुई टेलीफोनिक बातचीत में उत्तर प्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय लखनऊ के प्रवक्ता ने ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के मेंबर को साफ़ बताया था कि अनापत्ति पत्र (NO DUES CERTIFICATES) केवल उन्हीं उमीदवारों के लिए है जो पहले कभी विधायक या सरकारी नौकर रहे थे और सरकारी सुविधाएँ ली थीं। यह अनापत्ति पत्र (NO DUES CERTIFICATES) इसलिए है क्योंकि कई विधायक अपनी सत्ता का दुरूपयोग कर के लाखों के बिजली , पानी , टेलीफ़ोन के बिल नहीं भरते हैं। उत्तर प्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय लखनऊ के प्रवक्ता ने ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के मेंबर को यह भी बताया था कि वे उमीदवार जो पहले कभी विधायक या सरकारी नौकर नहीं रहे थे और न ही कोई सरकारी सुविधाएँ ली थीं, वे उमीदवार नामांकन पत्र में 'लागू नहीं होता ' (NOT APPLICABLE) लिख दें।

शपाल मौर्य पहले कभी विधायक या सरकारी नौकर नहीं रहे और न ही कोई सरकारी सुविधाएँ ली। अतः उन्होंने भी उत्तर प्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय लखनऊ के प्रवक्ता के परामर्श को ध्यान में रखते हुए नामांकन पत्र में 'लागू नहीं होता ' (NOT APPLICABLE) लिखा था। तो भी 61 - नोएडा विधान सभा का पीठासीन रिटर्निंग ऑफिसर गुस्से में आग बबूला हो गया और चिल्ला चिल्ला कर पूछने लगा कि यशपाल मौर्य अनापत्ति पत्र (NO DUES CERTIFICATES) क्यों नहीं लाया। 61 - नोएडा विधान सभा के पीठासीन रिटर्निंग ऑफिसर ने क्रोधित हो कर उत्तर प्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय लखनऊ के प्रवक्ता के परामर्श की और ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ध्यान आकृष्ट करने पर भी यशपाल मौर्य से अनापत्ति पत्र (NO DUES CERTIFICATES) माँगना जारी रखा।

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