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आतंकवाद का स्थायी समाधान कौनसा है ?
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी आतंकवाद का कठोर विरोध करती है। आतंकवादी व्यक्ति वह है जो समस्याओं के हल हेतु शांति का अनुसरण न करके औरों को आतंकित करता है। स्वामी अप्रतिमानंदा जी जैसे नेक कवि मानवतावाद की आतंकवाद पर विजय की कामना करते हैं जैसा कि उनकी 'सीधी बात' साप्ताहिक में १३-१४ वर्षों पूर्व प्रकाशित निम्न कविता से स्पष्ट होता है!
परन्तु , कटु सत्य यह है कि आतंकवाद प्रत्येक युग में जीवित रहा है। इसे जड़ से उखाड़ फेंकने की कल्पना करना नितांत मूर्खता ही मानी जाएगी। इस कटु सत्य को स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने भी स्वयं स्वीकार किया है। तो आतंकवाद से अपनी स्वयं की रक्षा कैसे की जाये ? इसके उत्तर में स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने अपनी 'सीधी बात' साप्ताहिक में १३-१४ वर्षों पूर्व प्रकाशित निम्न कहानी 'अहंकार' के माध्यम से पूर्णतः स्पष्ट किया है कि 'सतत सतर्कता' 'अनंत स्वतंत्रता' की क़ीमत है (Eternal vigilance is the price of eternal liberty)। अतः हमें सदैव चौकन्ने रहना चाहिए ताकि कोई भी आतंकवादी हमारी सीमाओं को पार कर हमारे देश में प्रवेश ही न कर सके।
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