दिल्ली सरकार द्वारा दिये गए विज्ञपनों का खर्चा अरविन्द केजरीवाल से वसूला जाये - सर्वोच्च न्यायालय से गुहार !
अरविन्द केजरीवाल से दिल्ली सरकार द्वारा दिये गए विज्ञपनों का खर्चा वसूला जाये - सर्वोच्च न्यायालय से गुहार !
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नाम पे प्रचार माध्यमों में विज्ञापन दे कर जनता की ख़ून पसीने की गाढ़ी कमाई से अरविन्द केजरीवाल का निर्लज्जता से व्यक्तिगत प्रचार कर व्यक्तिवाद को बढ़ावा दे कर प्रजातंत्र की जड़ पे असहनीय कुठाराघात किया है !
किसी भी सरकारी विज्ञापन में मात्र विभाग या सरकार का ही उल्लेख होना चाहिए, न कि किसी पदाधिकारी या पद के नाम का! जैसे - मुख्यमंत्री कार्यालय दिल्ली सरकार, वित्त मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, सर्वोच्च न्यायालय! अरविन्द केजरीवाल, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आदि जैसे व्यक्तिवाचक शब्दों को उपयोग भारतीय सविंधान में Article 14 के अंतर्गत प्रदत्त 'नागरिकों की समानता' के मौलिक अधिकारों का सरासर उल्लंघन है!
यदि किसी सरकारी विज्ञापन में किसी पदाधिकारी के नाम या पद का उल्लेख पाया जाये तो उक्त संबंधित पदाधिकारी से उस सरकारी विज्ञापन पर हुआ खर्च तुरंत वसूल कर उसे सरकारी कोष में जमा करवाया जाए !
- स्वामी मूर्खानन्द जी
[फ़ोटो: गूगल के सौजन्य से]
[टिप्पणी: इस लेख में व्यक्त विचार स्तंभकार स्वामी मूर्खानन्द जी के अपने स्वयं के व्यक्तिगत विचार हैं। इन विचारों से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का सहमत होना कोई अनिवार्य नहीं है। इस संबंन्ध में न्यायिक विवादों हेतु दिल्ली उच्च न्यायालय ही एक मात्र विकल्प है।]
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