अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी में मुख्य फ़र्क क्या है ?

अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी में निम्नलिखित मुख्य फ़र्क है :
१)  ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के संयोजक कभी भी मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री या अन्य मंत्री बनने की चाहत बिलकुल भी नहीं रखते हैं। बल्कि वे तो पार्टी के युवा लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं और स्वयं बसपा के कांशीराम और शिव सेना के बाळासाहेब ठाकरे की तरह पीछे रह पार्टी का पूरी ईमानदारी और मेहनत से सही मार्ग दर्शन कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा ही मंत्री पद पाने की चाहत रखी है - चाहे वह  मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री या अन्य कोई दूसरा मंत्री पद क्यों ही न हो। वह प्रधानमंत्री बनने की चाह में दिल्ली का मुख्यमंत्री पद छोड़ भागा और जब प्रधानमंत्री न बन पाया तो युवाओं को आगे बढ़ने का मौक़ा न दे कर अब दिल्ली का मुख्यमंत्री बन बैठा है। 
२ )  ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी कभी भी १० लाख से ज्यादा की डोनेशन बिना चन्दा देनेवाले की पूरी छानबीन किये बिना नहीं लेगी। जबकि आम आदमी पार्टी ने २ करोड़ रुपयों के चन्दा मामले से पूरी तरह साफ़ कर दिया है कि आम आदमी पार्टी व् इस के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को कालेधन को बतौर चन्दा लेने से बिलकुल परहेज़ नहीं है। 

आम आदमी पार्टी व् इसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल को सत्ता का बहुत ज्यादा लालच है। ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को सत्ता का लालच नहीं है। अगर ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को सत्ता का लालच होता तो ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ब्लॉग पर आप आम आदमी पार्टी व् इसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल के असली चेहरों को बेनक़ाब करते लेखों को नहीं पढ़ रहे होते। उलट आप आम आदमी पार्टी व् इसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल की चापलूसी करते हुए देख रहे होते। 

 

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