ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी की मीडिया जगत से हाथ जोड़ कर नम्र विनती है कि वे आम आदमी पार्टी के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की वाज़िब मजबूरियों को समझ कर मनीष सिसोदिया को कम से कम अगले १५ रोज का मुनासिब वक़्त दें
ताकि मनीष सिसोदिया प्रेस के नुमाइंदों के दिल्ली सरकार से मुलाक़ात करने की कोई न्यायसंगत तर्कसंगत असरदार प्रक्रिया लागू जारी कर सकें जिससे प्रेस के नुमाइंदों को दिल्ली सरकार से मुलाक़ात करने में कोई दिक्क़त पेश न आने पाये और साथ ही दिल्ली सरकार के काम में कोई ख़लल न पड़ने पाए।
प्रेस के नुमाइंदों को यह हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके खुद के प्रैस ऑफिस भी एक ख़ास प्रक्रिया के तहत ही किसी मेहमान को अपने आला अधिकारीयों से मुलाक़ात करने देते हैं।
मसलन, पिछले साल २०१४ मार्च-अप्रैल में जब ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने दिल्ली में फ़िरोज़ शाह कोटला के पास मौज़ूद टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिसेप्शन काउंटर पे जा टाइम्स ऑफ़ इंडिया अंग्रेजी समाचार पत्र के सीनियर सम्पादक श्री जुग सुरैया से व्यक्तिगत मुलाक़ात करने के लिए श्री जुग सुरैया की सहायक से इण्टरकॉम के ज़रिये अनुमति माँगी तो उन्हें कहा गया कि पहले वें ईमेल के ज़रिये श्री जुग सुरैया से लिखित अग्रिम अनुमति [PRIOR WRITTEN APPOINTMENT] लें तभी उन्हें श्री जुग सुरैया से व्यक्तिगत मुलाक़ात करने दिया जाएगा।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ने तो कोई बुरा नहीं माना यह जान कर कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया की अपनी कोई मेहमानों से मुलाक़ात की कोई ख़ास पॉलिसी नीति है।
प्रेस के नुमाइंदों को यह हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके खुद के प्रैस ऑफिस भी एक ख़ास प्रक्रिया के तहत ही किसी मेहमान को अपने आला अधिकारीयों से मुलाक़ात करने देते हैं।
मसलन, पिछले साल २०१४ मार्च-अप्रैल में जब ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने दिल्ली में फ़िरोज़ शाह कोटला के पास मौज़ूद टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिसेप्शन काउंटर पे जा टाइम्स ऑफ़ इंडिया अंग्रेजी समाचार पत्र के सीनियर सम्पादक श्री जुग सुरैया से व्यक्तिगत मुलाक़ात करने के लिए श्री जुग सुरैया की सहायक से इण्टरकॉम के ज़रिये अनुमति माँगी तो उन्हें कहा गया कि पहले वें ईमेल के ज़रिये श्री जुग सुरैया से लिखित अग्रिम अनुमति [PRIOR WRITTEN APPOINTMENT] लें तभी उन्हें श्री जुग सुरैया से व्यक्तिगत मुलाक़ात करने दिया जाएगा।
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ने तो कोई बुरा नहीं माना यह जान कर कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया की अपनी कोई मेहमानों से मुलाक़ात की कोई ख़ास पॉलिसी नीति है।
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