अरविन्द केजरीवाल ने हाल ही के दिल्ली विधान सभा चुनाओं में आम आदमी पार्टी को सोशल मीडिया एवम अन्य माध्यमों के ज़रिये पूरे जी जान से समर्थन देने वाली
अपनी सहयोगी पार्टी आल इंडिया इंसानियत पार्टी को अपने स्वयम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र न दे कर सरे आम अपनी कथनी और करनी में फ़र्क दिखा दिया है और आल इंडिया इंसानियत पार्टी के कार्यकर्ताओं का घोर अपमान किया है।
साथ ही इसने दिखा दिया कि यह शख़्श किसी भी सियासी राजनैतिक शिष्टाचार उसूलों को नहीं मानता है।
और यह तब जब अरविन्द केजरीवाल ने ४ फ़रवरी २०१५ को इंसानियत पार्टी को भेजी अपनी ट्वीट में यह साफ़ साफ़ कहा था कि आम आदमी पार्टी को आल इंडिया इंसानियत पार्टी से मिले समर्थन [FAITH TRUST] को अरविन्द केजरीवाल पाक पवित्र [SACRED] मानता है।
यह अरविन्द केजरीवाल वही शख़्श है जिसने मोदी की भाजपा सरकार से इसी वर्ष २६ जनवरी २०१५ के गणतंत्र समारोह में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र न मिलने पर टीवी अखबारों जैसे प्रभावी मीडिआ प्रचार माध्यमों में यह कह कर मोदी की भाजपा सरकार की कटु निन्दा की थी कि भाजपा सरकार ने उसे आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र [OFFICIAL INVITATION CARD] नहीं दिया!
अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा सरकार के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया था कि अरविन्द केजरीवाल बिना लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र [OFFICIAL INVITATION CARD] पाये भी अन्य आम लोगों की तरह २६ जनवरी २०१५ के गणतंत्र समारोह में शामिल हो सकता था।
अपनी सहयोगी पार्टी आल इंडिया इंसानियत पार्टी को अपने स्वयम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र न दे कर सरे आम अपनी कथनी और करनी में फ़र्क दिखा दिया है और आल इंडिया इंसानियत पार्टी के कार्यकर्ताओं का घोर अपमान किया है।
साथ ही इसने दिखा दिया कि यह शख़्श किसी भी सियासी राजनैतिक शिष्टाचार उसूलों को नहीं मानता है।
और यह तब जब अरविन्द केजरीवाल ने ४ फ़रवरी २०१५ को इंसानियत पार्टी को भेजी अपनी ट्वीट में यह साफ़ साफ़ कहा था कि आम आदमी पार्टी को आल इंडिया इंसानियत पार्टी से मिले समर्थन [FAITH TRUST] को अरविन्द केजरीवाल पाक पवित्र [SACRED] मानता है।
यह अरविन्द केजरीवाल वही शख़्श है जिसने मोदी की भाजपा सरकार से इसी वर्ष २६ जनवरी २०१५ के गणतंत्र समारोह में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र न मिलने पर टीवी अखबारों जैसे प्रभावी मीडिआ प्रचार माध्यमों में यह कह कर मोदी की भाजपा सरकार की कटु निन्दा की थी कि भाजपा सरकार ने उसे आधिकारिक तौर से लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र [OFFICIAL INVITATION CARD] नहीं दिया!
अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा सरकार के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया था कि अरविन्द केजरीवाल बिना लिखित सरकारी निमंत्रण पत्र [OFFICIAL INVITATION CARD] पाये भी अन्य आम लोगों की तरह २६ जनवरी २०१५ के गणतंत्र समारोह में शामिल हो सकता था।
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