अरविन्द केजरीवाल ने आख़िर स्वयं को मुख्यमंत्री घोषित कर दिल्ली के युवाओं को धोख़ा दे ही दिया है .

 आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष ४६ -४७ की अधेड़  उम्र वाले अरविन्द

केजरीवाल ने दिल्ली के विधान सभा चुनाओं में दिल्ली के युवाओं के वोट यह कह कर हासिल किये कि वह नौज़वान युवाओं को सत्ता में भागीरदार बनाएंगे जैसा कि उनके निम्नलिखित पत्र से साफ है - "हम, नौजवान लोगों युवाओं को ज्यादातर समय यह बताते हैं कि नौजवान लोग कल के नेता हैं।  नहीं , मैं इस बात को नहीं मानता हूँ।  आप नौजवान लोगों युवाओं की ताक़त की ज़रूरत आज़ है, इसी समय है। यह हमारा बौझ है , यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। "

इस पत्र को अरविन्द केजरीवाल से ट्वीटर पर प्राप्त करने के बाद ही आल इंडिया इंसानियत पार्टी ने अरविन्द केजरीवाल के विरुद्ध अपने सत्य प्रचार अभियान को दिल्ली के विधान सभा चुनाओं में ४ फ़रवरी २०१५ को रोक दिया था। 

कहावत है - कुत्ते की दुम सात साल या आठ महीने नली में रखो तो निकालने के बाद वह टेड़ी ही निकलेगी। कभी सीधी नहीं होगी। आठ महीने सत्ता से बाहर रह कर भी अरविन्द केजरीवाल ने सत्य की राजनीती नहीं सीखी है। सो, अरविन्द केजरीवाल ने अपने इस पत्र के वायदे को भुला कर स्वयं को दिल्ली का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है।  होना तो यह चाहिए था कि अरविन्द केजरीवाल अपने वायदे को निभाता और ३५ वर्ष से कम आयु के लोगों अर्थात युवाओं को दिल्ली का मुख्यमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री बनाता और स्वयं मार्ग दर्शक के रूप में काम करता। 

अतः अब आल इंडिया इंसानियत पार्टी ने अरविन्द केजरीवाल की इस वादा खिलाफ़ी के कारण रामलीला मैदान में शनिवार को होने वाले आम आदमी पार्टी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने का निर्णय लिया है। साथ ही आल इंडिया इंसानियत पार्टी ने दिल्ली के युवाओं के हितों की रक्षा हेतु यह निर्णय लिया है कि आल इंडिया इंसानियत पार्टी अगले ६ महीने में आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में गिरा देगी। 

हमें पूरी तरह पता है कि हमारे इस निर्णय के बाद अरविन्द केजरीवाल पूरा ज़ोर लगा देगा मीडिया प्रचार के माध्यम से दिल्ली के युवाओं को लोगों को बेवकूफ़ बनाने हेतु ताकि दिल्ली के नौज़वान युवाओं को अरविन्द केजरीवाल द्वारा स्वयं को मुख्यमंत्री घोषित कर दिल्ली के युवाओं को धोख़ा देने की बात समझ में न आये। परन्तु , हम जानते हैं कि दिल्ली के नौज़वान युवा बहुत समझदार हैं।  उन्हें अरविन्द केजरीवाल बेवकूफ़ नहीं बना पायेगा। 

सो, दिल्ली वालों के हित में, नौजवान युवाओं के हित में आज से पूरे छः महीने ७ दिन के बाद धोखेबाज़ अरविन्द केजरीवाल की सरकार गिरा दी जाएगी क्यों कि सत्य तो आल इंडिया इंसानियत पार्टी के साथ है जब कि अरविन्द केजरीवाल स्वयं के ही झूठ और फ़रेब के चक्रव्यूह में पूरी तरह फँस चुका है। 

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Tuesday, February 10, 2015

दिल्ली के युवाओं सावधान - अरविन्द केजरीवाल युवाओं को जल्द ही धोख़ा देने की सोच रहा है।


 
[ ४ फ़रवरी २०१५ को अरविन्द केजरीवाल द्वारा 
ट्वीटर पर जारी पत्र ]
 
जल्दी ही ४७ वर्षीय अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के युवा वर्ग को धोख़ा दे कर स्वयं दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने की सोच रहा है! ऊपर दिखाए गए पत्र में अरविन्द केजरीवाल ने जो कहा है उसका हिन्दी भाषा में अर्थ यह है - "हम, नौजवान लोगों युवाओं को ज्यादातर समय यह बताते हैं कि नौजवान लोग कल के नेता हैं।  नहीं , मैं इस बात को नहीं मानता हूँ।  आप नौजवान लोगों युवाओं की ताक़त की ज़रूरत आज़ है, इसी समय है। यह हमारा बौझ है , यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। "
 
अरविन्द केजरीवाल के इस पत्र का मतलब यही है कि आम आदमी पार्टी ने  - "हमारी आम आदमी पार्टी नौजवान लोगों युवाओं को ही मुख्यमंत्री एवं अन्य केबिनेट मंत्री बनाएगी" - ऐसा प्रचार कर दिल्ली के युवाओं के वोट हासिल किये हैं !
 
३५ - ४० वर्ष की उम्र तक वाले व्यक्तियों को ही  नौजवान युवा माना जा सकता है।  किसी ४७ -४८ वर्ष की उम्र वाले अरविन्द केजरीवाल जैसे व्यक्ति को  नौजवान युवा कतई नहीं माना जा सकता है। 

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